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9 Aug 2023 · 1 min read

मेरी माटी मेरा देश

अपने आप में विशेष,
मेरी माटी मेरा देश।

रवानी है नदियों की
कहानी है सदियों की
रंग- बिरंगे फूलों में
लेखनी है कवियों की

बरखा रानी के केश
मेरी माटी मेरा देश ।

हर धर्म का एक ही भाव है
समझ आदमी का स्वभाव है
धरती मां के हम लाल है
एकता का अपना प्रभाव है

नये सोच से मिटे क्लेश
मेरी माटी मेरा देश।

भोर सूरज की लाली
खेतों में फैली हरियाली
बर्फ से ढका हिमालय
सावन की छटा निराली

विभिन्न भाषा,रहन वेश
मेरी माटी मेरा देश ।

नूर फातिमा खातून “नूरी”
जनपद -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

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