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4 Aug 2023 · 1 min read

"ऐ मेरे बचपन तू सुन"

“ऐ मेरे बचपन तू सुन”
रिश्तों में है पसरी चालाकी
बात-बात में चतुराई है,
संयुक्त परिवार के वट-वृक्ष से
टूटी पीढ़ी मुरझाई है।
ऐ मेरे बचपन तू सुन
याद तेरी आज आई है,
दादी-नानी की कहानियाँ
वेब सीरीज में जगह बनाई है।

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