Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Jul 2023 · 1 min read

सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए

सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
गैरो को समझकर अपना, अपनों से हट गए,
सियासत की चाल में ऐसे फंसे गए नए परिंदे,
आसमान छूने की चाहत में जड़ो से कट गए !
!
डी के निवातिया

Loading...