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12 Jul 2023 · 1 min read

जरा - जरा न कहो

जरा सी बात को…. जरा -जरा न कहो
कहो जरा अगर…उसको फिर खरा न कहो

जिंदगी पूर्णता तक भला कब पहुँची
कहता हूँ तो कहते हो अधूरा न कहो

मूक अधरों से बात कितनी निकली….
शब्द कम निकले तो इसे पूरा न कहो

बात… बातों में मैं सबको हँसा देता हूँ
अर्ज ये है के मुझे मसखरा न कहो

हूँ बाक़िफ़…. मैं जिसके रग – रग से
वे कहते हैं सबसे मेरा शजरा न कहो

तुम क्या जानो के कितना चारा है
जिंदगी की दौड़ में मुझे बेचारा न कहो

मैं मस्त हूँ….सिर्फ अपनी मस्ती में
महज घूमने पर कोई आवारा न कहो
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

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