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23 Jul 2017 · 1 min read

वक़्त

ठहरजाता है वक़्त,
थम जाता है वक़्त,
वक़्त की मिज़ाज़ क्या?
हार जाते है सब।
ज़रा देखो, जरा सोचो!
निर्जिव जो,भागे तेज़
जरा सोचो, जरा देखो!
खुली किताब, पढी पेज।

यह ज़िंदगी की गाड़ी है,

दोस्तों!

पतानी जाती किधर है।
सुबाह सूरज की है,
रात चन्द्रमा की अकड़ है।

नया क्या, पुराना क्या,
हर कोई जिंदगी का लेसन है।

खव्वाब लेता कौन?
सब देते भाषण है।

ठहरजाता है वक़्त,
थम जाता है वक़्त,

वक़्त की मिज़ाज़ क्या?

हार जाते है सब ।

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