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4 Jul 2023 · 1 min read

शिर ऊँचा कर

शिर ऊँचा कर
हृदय जोश भर
देशप्रेम को दें नूतन स्वर
भीतर बाहर
हम अजरामर
विनयशील हैं नतशिर होकर

महेश चन्द्र त्रिपाठी

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