इंसान से हिंदू मैं हुआ,
इंसान से हिंदू मैं हुआ,
हिंदू से हुआ मैं जाट ।
और ऐसे ही मैं बंट गया,
जैसे भंडारे का पूड़ी आलू साग ।।
इंसान से हिंदू मैं हुआ,
हिंदू से हुआ मैं जाट ।
और ऐसे ही मैं बंट गया,
जैसे भंडारे का पूड़ी आलू साग ।।