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13 Jun 2023 · 1 min read

कविता

है राम सहारा जन जन का
तेरे बिन न सहारा कोई नही

राम तुम्ही मेरे घनश्याम तुम्ही
नैया के खेवन हार तुम्ही ।

जब से मन मे लगन लगी तेरी
तेरे दर्शन को प्यासे है मेरे नैना ।

प्रभू आ जाओ पास मेरे हृदय में
ये मन तुमको पुकार रहा ।

जैसे शबरी को तारा प्रभू मेरे
वैसे ही मेरा उद्धार करो प्रभू।

जिसने भी मुख से राम पुकारा
उसका जीवन हर्ष आवाद हुआ ।

तेरी चितवन पर राम मेरे
मैने ये जीवन भी बार दिया ।

अपनालो मेरा घायल मन
ये जीवन मैने हार दिया ।

राम मेरा सहारा हो तुम
जन जन का भी सहारा बनो।

बस एक तमन्ना है इस जीवन
की परमार्थ करती जाऊं ।

जिसने मुझको प्यारा संसार दिया
उनकी भी मै सेवा करती जाऊं।

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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