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11 Jun 2023 · 1 min read

9- सीमा के प्रहरी

सीमा के प्रहरी

सीमा पर वीरों की टोली उद्यत खाने को गोली ।

वे सदा सजग ही रहते हैं गर्मी-सर्दी सब सहते हैं ।

टैम्प्रेचर जब माइनस में हो ड्यूटी से अपनी विमुख न हों।

चाहे बालू हो चाहे हो बीहड़ चाहे पानी हो या हो कीचड़ ।

वे सीमा के सच्चे प्रहरी हैं और राष्ट्र के असली शहरी हैं।

उनकी सेवा अनमोल सदा वे कभी न होंगे दिल से जुदा ।

वे देश की रक्षा करते हैं शत्रु सम्मुख नहीं थकते हैं।

वे परिवार मोह का त्याग करें बस देश-धर्म से प्यार करें।

सच्ची सेवा सच्ची निष्ठा जीवन का उद्देश्य यही ।

सीने पर गोली खाते हैं पीछे हटते हैं कभी नहीं ।

वीरों का जज़्बा देख-देख हम गर्व सदा ही करते हैं।

जो प्राण निछावर करते हैं हम उन सबके आभारी हैं।

हम उनका कर्ज़ न चुका सकें ये हम सबकी लाचारी है।

“दयानंद”

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