Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 Jun 2023 · 1 min read

दिल भर आता है

दिल भर आता है, अब भी कई बातों पर मेरा
मगर आंखों से आंसू , छलकते नहीं है…

कुछ अहसास चले जाते है, लोगों के साथ ही
फिर से वो अहसास किसी और में, मिलते नहीं है…
शब्दों के मायने बदलते देखें है, मैंने वक्त के साथ
वो लोग भी बदलते है, जो कहते थे हम बदलते नही है..

यूं ही समाया नही है अंधेरा, मेरे सिरहाने पर
क्यूंकि मेरे सूरज और चांद, अब निकलते नही है…
हम भी जाहिर कर सकते है गमों को, कैफियत से
मगर सभी दर्द भी पन्नो पर उतरते नहीं है…

दिल भर आता है, अब भी कई बातों पर मेरा
मगर आंखों से आंसू , छलकते नहीं है…

Loading...