Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 2 min read

“ख़ूबसूरत आँखे”

दुनिया मे सबसे खूबसूरत आंखें है तुम्हारी,
तस्वीर भी देखूं तो मुझे ही निहारी।
इतनी गहरी है आँखे तुम्हारी,
नदियाँ, झील, समन्दर से गहरी।

तुम्हरी आंखों में एक उम्मीद बसती है,
एक अदृश्य डोरी सी बंधती है।
इतना लंबा मौन आखों में रहती है,
फिर भी हर पल प्यार से झलकती हैं।

हम तो फना हो तेरी आँखों को देखकर,
न जाने कैसे तुम आइना देखते हो।
आँखों के आगाज से ही मुहब्बत होती है,
पलकें झुकाते हो तो कयामत होती है।

बंद करूँ पलकें तो तेरी तस्वीर बन जाती है,
जब खोलूँ आंखें तो एक आंसुओं की लकीर बन जाती है।
बात आँखों की सुने तो दिल मे उतर जाती है,
शब्दों का क्या, वो कहकर मुकर जाती हैं।

तेरी आंखों से तेरे दिल का हाल पता चलता है,
खामोश रहकर भी अल्फाज़ो का पता चलता है।
लबों से ना कह पाये आखों से कहने दो,
बात बड़ी लंबी है आंखों के पनाहों में रहने दो।

ढूढ़ते क्या हो मेरी आँखों मे ,
आंखों में उतर कर देखो तेरा ही बसेरा है।
ए समन्दर मैं तुमसे वाकिफ नही हूँ,
पर जिनसे मुझे प्यार है वो तुमसे भी गहरी है।

ए सावन हम तुमसे वाकिफ नही है,
पर जिनसे मुझे प्यार है उनकी आंखों में बरसातें देखी हैं।
रातों में नींद नही आती तेरे ख्वाबों का लालच देती हूं,
तेरे ख्वाबों के लालच में काजल लगाती हूं।

मन करता है आंख भर कर देख लुँ तुम्हें,
पर आंख भर आती हैं नजरें मिलाने में।
सागर से गहरी है आपकी आंखें,
डर लगता हैं डुबा न लें आपकी आंखें।

सामने न हो तो तरसती है आँखे,
याद में तेरी बरसती हैं आंखे।
यूँ तो मंजर तमाम कैद होंगी आँखों मे तेरे,
पर ख्वाब तुम्हारी ही सजाती हैं आंखें।

मिला ताउम्र सुकून तेरे पलको के दरमियाँ,
अपनेपन का एहसास दिलाती हैं आंखें।
तुम्हारी खूबसूरत आंखों की दीद हो जाये ,
कसम चाँद की मेरी ईद हो जाये।

आँखों की तेरी कशिश खीचती है,
जादू सा है तेरी खूबसूरत आँखें।
सपने भी उतरना चाहे तेरी आँखों में,
बहुत खूबसूरत हैं तेरी आंखें।।

लेखिका:- एकता श्रीवास्तव।
प्रयागराज✍️

Language: Hindi
2 Likes · 539 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ekta chitrangini
View all

You may also like these posts

*शून्य से दहाई का सफ़र*
*शून्य से दहाई का सफ़र*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
Future Royal
Future Royal
Tharthing zimik
*** सागर की लहरें....! ***
*** सागर की लहरें....! ***
VEDANTA PATEL
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ये जो मीठी सी यादें हैं...
ये जो मीठी सी यादें हैं...
Ajit Kumar "Karn"
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
शेखर सिंह
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
Neelofar Khan
स्वर्ग-नर्क प्रमाण
स्वर्ग-नर्क प्रमाण
Shyam Sundar Subramanian
खर्राटा
खर्राटा
Santosh kumar Miri
मेरी कल्पना
मेरी कल्पना
Ruchi Sharma
तेरी आंखों में देखा तो पता चला...
तेरी आंखों में देखा तो पता चला...
Sunil Suman
रानी का प्रेम
रानी का प्रेम
Kaviraag
बात मन की
बात मन की
कार्तिक नितिन शर्मा
अपनी मर्ज़ी के
अपनी मर्ज़ी के
Dr fauzia Naseem shad
कदर शब्द का मतलब
कदर शब्द का मतलब
Vaishaligoel
देशभक्ति का दर्शनशास्त्र (Philosophy of Patriotism)
देशभक्ति का दर्शनशास्त्र (Philosophy of Patriotism)
Acharya Shilak Ram
😢
😢
*प्रणय प्रभात*
"क्रूरतम अपराध"
Dr. Kishan tandon kranti
मिट्टी का खिलौना न जाने कब टूट जायेगा,
मिट्टी का खिलौना न जाने कब टूट जायेगा,
Anamika Tiwari 'annpurna '
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
ruby kumari
भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ...
भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ...
निरुपमा
*लिखी डायरी है जो मैंने, कभी नहीं छपवाना (गीत)*
*लिखी डायरी है जो मैंने, कभी नहीं छपवाना (गीत)*
Ravi Prakash
बड़ी होती है
बड़ी होती है
sushil sarna
NOW IT IS MY TURN
NOW IT IS MY TURN
पूर्वार्थ देव
कविता
कविता
Rambali Mishra
हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
हम बच्चों को जितने का आत्मविश्वास दे रहे है क्योंकि हम उनको
हम बच्चों को जितने का आत्मविश्वास दे रहे है क्योंकि हम उनको
पूर्वार्थ
गरिमामय है धरती अपनी
गरिमामय है धरती अपनी
Ghanshyam Poddar
Loading...