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3 Jun 2023 · 1 min read

अपनों की जीत

तुम कोशिश कर लो
रोक नहीं पाओगे मुझे
ठान लिया है मन में जो
करना है अब वही मुझे

मैं कहता नहीं हूँ कुछ
सही समय का इंतज़ार है
समझ ले थोड़ी दुनियादारी
क्यों व्यर्थ में तू बेज़ार है

रोकना आसान है किसी को
है साथ कदम बढ़ाना मुश्किल
करोगे अपना दिल बड़ा तो
होगी नहीं तुम्हें कोई मुश्किल

बढ़ता है कोई अपना आगे
क्यों अच्छा नहीं लगता है तुम्हें
अपनों से चिढ़ना, दूसरों के लिए ताली
क्यों इसमें मज़ा आता है तुम्हें

है नहीं क़सूर तेरा कोई इसमें
बिंदास कर जो तू करना चाहता है
बिगाड़ा नहीं मैंने कुछ तुम्हारा
कोई गिला नहीं जो तू यही चाहता है

मैं तो चल पड़ा हूँ अपनी राह पर
माना तेरे बिना राह मुश्किल होगी
जानता हूँ कहेगा सबसे अपना मुझे
जब मुझे हासिल मेरी मंज़िल होगी।

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