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27 May 2023 · 1 min read

ज़िक्र तेरा लबों पर क्या आया

(25)
ज़िक्र तेरा लबों पे क्या आया ।
चैन दिल को फिर नहीं आया ॥

खुद से बिछड़े न हम मिले खुद से ।
लौट कर वक़्त फिर नहीं आया ॥

दर्द इतना अज़ीज़ था दिल को ।
अश्क आंखों में फिर नहीं आया ॥

आज भी ढूंढती नज़र उसको ।
लौट कर जो फिर नहीं आया ॥

डॉ फौज़िया नसीम शाद

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