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16 May 2023 · 1 min read

बचपन की होली...

बचपन की होली…
होली के आने की खुशी में ,
होली के रंगों में रंग जाने में,

माह भर पहले जुट जाता तैयारी में
माह भर पहले शुरू हो जाता होली का खेल,

कोई गाता होरी, कोई खेलता जोगिरा
ना कोई थकता, ना कोई मुरझाता,

बस होली के आने की खुशी में
शुरू हो जाती ढाल मंजीरे की थपथपाई,

होली के एक दिन पहले होता धुरखेल
रात में होता होलिका दहन,

होली के दिन माँ के हाथों का पुआ
दादाजी के रंगों की बाल्टी,

दिन भर चलता रंगों का खेल
सबके साथ होती रंगों का खेल,

बड़ी याद आती है
बचपन के होली का मेल,
बचपन की होली….बड़ी याद आती है।
©✍️ शशि धर कुमार

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