Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
26 Sep 2022 · 1 min read

बेटियों की जिंदगी

बेटियों की जिंदगी आसान नहीं होती
बेटों से बेटियां कभी कम नहीं होती
फिर भी इन्हें कम समझा जाता है क्यों
कहने को तो बेटियां बराबर है आज
बेटों के संग तथा आगे बढ़ रही है बेटियां
फिर भी आज इन्हें दबाया जाता है क्यों
बेटियों की दर्द मां अर्थात बेटी ही समझती
बेटी बन जीना आसान नहीं होती,
बेटियों की जिंदगी आसान नहीं होती ।

आज बेटियां पिछड़ी हुई है कहां
फिर भी इनके जन्म पर अक्सर
माता – पिता मायूस होते हैं क्यों
बेटियों को पालना लगता है बोझ क्यों
क्या कमी और क्या खामियां हैं बेटियों में
जो बेटियों के लालन-पालन से डरते हैं लोग
बेटियों के साथ ऐसा अक्सर होता है क्यों
बेटी बन जीना आसान नहीं होती,
बेटियों की जिंदगी आसान नहीं होती ।

बेटियां आज क्या नहीं कर सकती हैं
क्यों नहीं बन सकती फिर से वो झांसी
श्रम कर पहुंच रही आज शिखर पर बेटियां
कुछ बेटियां तो इस भीड़ में उलझी रह जाती
अन्यथा बेटी कहां पिछड़ी हुई है बेटो से
अक्सर बेटियों को घरवाले समझते हैं पराया
ससुराल में इन्हें कहते ये तो पराये घर से आई है
बेटी बन जीना आसान नहीं होती,
बेटियों की जिंदगी आसान नहीं होती ।

लेखक:- अमरेश कुमार वर्मा

Loading...