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15 May 2023 · 2 min read

राष्ट्रभाषा

2. राष्ट्रभाषा

देश की विडम्बना ये हिन्द देशवासी आज,
निज राष्ट्रभाषा के दिवस हैं मना रहे ।

हिन्दी का दिवस कम हिन्दी पखवाड़ा छोड़,
हिन्दी का बरस हिन्द वासी हैं मना रहे ।

लाज नहीं आती आज कहते हुए इन्हें,
हिन्दी में हो काम तो इनाम होना चाहिए ।

पाँच दस साल कर आधी सदी बीत गई,
काम अंग्रेजी मे हराम होना चाहिए ।

हिन्द देश के निवासी बोलते हैं अंग्रेजी,
इतना न हमे बेईमान होना चाहिए ।

बदला चुकाना हो गुलामी का अगर हमें,
अंग्रेजी हिन्दी की गुलाम होना चाहिए ।

राष्ट्रध्वज राष्ट्रगीत राष्ट्रचिन्ह अपना है ,
राष्ट्रभाषा अपनी जुबान होना चाहिए ।

शैली कीट मिल्टन कितना ही लिख डालें ,
तुलसी और सूर ही महान होना चाहिए ।

छोटी बडी बहने हैं कितनी भाषायें यहाॅ ,
हिन्दी को ही माता का सम्मान होना चाहिए ।

राज्य प्रान्त देश की सीमायें सभी लाँघकर,
हिन्दी का तो सारा ये जहान होना चाहिये ।

गुणों की हैं खान इस देश की भाषायें सभी,
हिन्दी उन सबमें महान होना चाहिए ।

हिन्द की है माटी यहाॅ हिन्द का है पानी यहाँ, अंग्रेजी मे न कोई काम होना चाहिए ।

राष्ट्रभाषा का चितेरा यू एन ओ मे हिन्दी बोले, अटल सा नेता ही महान होना चाहिए ।

रूस चीन कोरिया जापान की भाषायें निज,
हिन्द की भी हिन्दी पहचान होना चाहिए ।

भारती के भाल पे चमक रही बिन्दिया सी,
उसी हिन्दी भाषा को प्रनाम होना चाहिए ।

बात जहाँ आन की या देश के सम्मान की हो,
हिन्दी पर ये जान कुर्बान होना चाहिए ।

आसमाँ पे विश्व के तिरंगा लहराना हो तो,
हिन्दी पर ही हमें स्वाभिमान होना चाहिए ।

प्रकाश चंद्र, लखनऊ
IRPS (Retd)

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