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14 May 2023 · 1 min read

दिल यहीं पहचान तेरी है

एक टूटी सी हवेली है ।
दिल यहीं पहचान तेरी है ।।

आईना वो जानता है दोस्त ;
सबके खातिर जो पहेली है ।

दोस्ती का पूछ ही मत यार ;
ये न तेरी है न मेरी है ।

जिस्म लादे इक सफर में हूँ ;
बस यहीं मेरी कहानी है ।

नेकियाँ बिखरी पड़ी हैं और ;
आदमी की अक्ल अंधी है ।

खूबियों का क्या करूँ ‘अस्मित’ ;
चंद पैसों में ये’ बिकती है ।

राहुल द्विवेदी ‘स्मित’

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