Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
2 May 2023 · 1 min read

# नमस्कार .....

# नमस्कार ….

रात में
रात-रानी …

दिन में खिले
सूरजमुखी …

अगर-मगर
किंतु-परंतु …

इसलिए
किसलिए …?

हम भी
दुखी

तुम भी
दुखी …..!

चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छ. ग.)

Loading...