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22 Apr 2023 · 1 min read

निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,

निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
जिसकी मंजिल मालूम फिर भी ढूंढ़ता उम्रभर !
!
डी के निवातिया

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