Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2023 · 1 min read

“साजन लगा ना गुलाल”

“साजन लगा ना गुलाल”
गोरे गालों पे साजन लगा ना गुलाल।
मुझसे पूछेंगी सखियाँ हुआ क्यों ये हाल।

तेरा हँसना हँसाना सताता मुझे।
छोड़कर दूर जाना रुलाता मुझे।
साँसें मेरी रुके आग तन में लगे।
ख्वाब सोए थे वे फिर मचलने लगे।
अब तो भँवरे भी…२ मुझसे करें ये सवाल।…1

इस लरजती हवा से महकता चमन।
क्यों ये मन को लगी यार तेरी लगन।
आकर मुझको बता दे जरा तू सनम।
तुम पे कुर्बान मेरे हजारों जनम।
कोई पूछे ना….२ कर कोई ऐसा कमाल।…2

कैसे कह दूँ हुआ क्या मेरे साथ में।
मेरा दिल था मेरी जान के हाथ में।
दूर रह ना सकूँगी तुम्हे छोड़कर।
तुम न जाना कभी दूर मुँह मोड़कर।
कैसे मस्ती में….२ झूमें मचाएँ धमाल।….3

अब तो छोड़ो हमारी कलाई पिया।
मैने तन मन ये अपना तुम्हे दे दिया।
मेरी आँखों में सूरत बसी यार की।
छोड़ जिद को कसम है तुम्हे प्यार की।
लाज आती है…. २ कैसे दिखाऊँगी गाल।…4

सबको होली मुबारक नए साल की।
‘रुद्र’ देता बधाई नए चाल की।
आओ मिलकर मनायें सभी प्यार से।
खेलें होली रंगीली सदा यार से।
खेल मस्ती से…. २ खेलें करें ना मलाल।…5
गोरे गालों पे साजन लगा ना गुलाल।
मुझसे पूछेंगी सखियाँ हुआ क्यों ये हाल।
द्वारा:-🖋️🖋️
लक्ष्मीकान्त शर्मा ‘रुद्र’
(स्व-रचित / मौलिक)
देवली, विराटनगर जयपुर
दिनाँक : 05/03/2023

Language: Hindi
Tag: गीत
407 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मैं कविता नहीं लिखती
मैं कविता नहीं लिखती
Priya Maithil
तुम और मैं
तुम और मैं
NAVNEET SINGH
तेरा एहसास
तेरा एहसास
Dr fauzia Naseem shad
दिल्ली की बिल्ली
दिल्ली की बिल्ली
singh kunwar sarvendra vikram
D
D
*प्रणय*
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
" तारीफ़ "
Dr. Kishan tandon kranti
कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
Acharya Shilak Ram
तेवरी का शिल्प ग़ज़ल से भिन्न है -दर्शन बेज़ार
तेवरी का शिल्प ग़ज़ल से भिन्न है -दर्शन बेज़ार
कवि रमेशराज
चुनना किसी एक को
चुनना किसी एक को
Mangilal 713
रे मन! यह संसार बेगाना
रे मन! यह संसार बेगाना
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
"करारी हार के ‌शिकार लोग ही,
पूर्वार्थ
3908.💐 *पूर्णिका* 💐
3908.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हरी दरस को प्यासे हैं नयन...
हरी दरस को प्यासे हैं नयन...
Jyoti Khari
दामन में नित दाग
दामन में नित दाग
RAMESH SHARMA
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
*कक्षा पांचवीं (संस्मरण)*
*कक्षा पांचवीं (संस्मरण)*
Pankaj Bindas
खुद को ढाल बनाये रखो
खुद को ढाल बनाये रखो
कार्तिक नितिन शर्मा
खूबसूरत बचपन
खूबसूरत बचपन
Roopali Sharma
बनारस की ढलती शाम,
बनारस की ढलती शाम,
Sahil Ahmad
वेदना
वेदना
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्रार्थना- हमें दो ज्ञान प्रभु इतना...
प्रार्थना- हमें दो ज्ञान प्रभु इतना...
आर.एस. 'प्रीतम'
मोबाइल का यूज कम करो
मोबाइल का यूज कम करो
Dhirendra Singh
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दीपक
दीपक
SURYA PRAKASH SHARMA
अजी क्षमा हम तो अत्याधुनिक हो गये है
अजी क्षमा हम तो अत्याधुनिक हो गये है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कौन पैदा हुआ कौन मरा, बुद्ध संकल्पना
कौन पैदा हुआ कौन मरा, बुद्ध संकल्पना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कत्ल खुलेआम
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
शारदे देना मुझको ज्ञान
शारदे देना मुझको ज्ञान
Shriyansh Gupta
Loading...