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डाॅ. बिपिन पाण्डेय
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24 Mar 2023 · 1 min read
दोहा
दोहा
रुको नहीं अविरल चलो,कहते संत सुजान।
बहता जल पाषाण पर,छोड़े अमिट निशान।।
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