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14 Feb 2023 · 1 min read

■ आज का संदेश

■ सज़ा न बने मज़ा…
एक तरफ कोरोना वायरस तो दूसरी तरफ समाज के लठैत। बीच में एक इम्पोर्टेन्ट नहीं इम्पोर्टेड फेस्टीवल। मनाने वाले मनाएं मगर यह याद रखते हुए कि जान है तो जान है। वही जान जिसके इश्क़ की हवा चार दिन की मेहमान है।।
【प्रणय प्रभात】

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