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23 Jan 2023 · 1 min read

चर्चित हुए हम

ग़ज़ल

तेरी बेवफ़ाई से चर्चित हुए हम
गली उस मुहल्ले अनाश्रित हुए हम

नहीं मुक्त हो पा रहा दर्द दिल का
न छोड़ेगा हमको सुनिश्चित हुए हम

कहीं दूर अंबर उड़ा जा रहा था
भरे जोश से मन पराजित हुए हम

लगे लोग कहने भी मुझको दिवाना
कहीं अपनों से ही अपरिचित हुए हम

गुमां इश्क़ पर था, था विश्वास गहरा
तेरे फैसले से अचंभित हुए हम

भुला देंगे तुमको कसम ये अभी ली
बहा कर सभी पत्र तर्पित हुए हम

सुधा’ प्यार का मोल क्या था यही अब
हृदय ये बहुत ही है दंशित हुए। हम

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
वाराणसी,©®
21/1/2023

Language: Hindi
1 Like · 253 Views
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