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12 Nov 2022 · 1 min read

✍️मंज़िल की चाहत ✍️

जो उम्रभर साथ रहने की,
दुआ करते है हर इबातत में,
ज़िम्मेदारिया इस कदर सिर चढ़ी,
आज जुदा है दोनों,
अपनी अपनी मंज़िल की चाहत में।

✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu)
कौशांबी

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