Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
3 Nov 2022 · 1 min read

तेरे ख्वाब सदा ही सजाते थे

तेरे ख्वाब सदा ही सजाते थे,
हर पल तुमको ही बुलाते थे ।
तुमको मुहब्बत ना थी शायद
जैसे कोई अहसान जताते थे ।।
तुमने ना जानी मेरी मुहब्बत,
तुझको हम अपना खुदा बताते रहे ।।

हमे हरपल ये दर्द सताता है,
तू तुझे जाने कैसे चैन आता है ।
हम तो बिछड़ के तुमसे सनम,
चांद सितारों से हम अक्सर,
बस तेरी ही बातें करते रहें ।।

याद मुझे जब आती है तेरी,
दिल का बुरा हाल हो जाता है ।
जितना भी तुझे भुलाना चाहूं,
मुझे क्यूं इतना याद आता है ।।
तुम तो हमे छोड़ के चले गए,
हम विरह की आग जलते रहे ।।

Loading...