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26 Sep 2022 · 1 min read

✍️कल और आज

कल के इंतजार में शायद ये वक़्त गुजर जायेगा
आज की शुरुवात में शायद ये लम्हा सँवर जायेगा
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©✍️’अशांत’ शेखर
26/09/2022

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