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17 Sep 2022 · 1 min read

तुम्हारी कमी

हसरत यह दिल की मचलती बहुत है ।
तुम्हारी कमी दिल को खलती बहुत है ।।
यकीं कोशिशों पर कितना भी कर लें ।
मुकद्दर की लेकिन गलती बहुत है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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