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5 Sep 2022 · 1 min read

सच तो काले मेघ

स्वपन आपन हाथे
इ या उस पार
मिले तो प्यारा लगे
कांटा बन ऑंख चुभे
तरसत पूर्ण संसार ।

सच तो काले मेघ
कभौ भड़कत कभौ बरसत
प्रीत भी लागे
मन तड़पत घनघोर ।।

घोरा बन उड़त जात है
कछुए सी चाल
नाचत, भूल जात है
फेर पड़त हर बार ।।।

विधि व्यवहार राजा बने
दंभ से बनत लाचार
देख अनदेखा न्यारा लगे
बस चलै आप संसार ।।।।
______________________
स्वरचित सह मौलिक;
✍️ ‘सरल’

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