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1 Sep 2022 · 1 min read

मेरा नाजुक दिल

मेरे नाजुक से दिल पर,
लफ़्ज़ों से अपनों ने
ऐसा वार किया।
खून नही निकला लेकिन
जख्मी सौ-सौ बार हुआ।
जख्म भी ऐसा दिया अपनों ने
वह तब तक नही मिटा,
जब तक यह जिंदगी
खाख में न मिल गया।

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