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18 Aug 2022 · 1 min read

सत्ता की तिलमिलाहट

मेरा तंज़िया लहज़ा!
बर्दाश्त कर पाना!!
किन्हीं हुक़्मरानों के
वश की बात कहां!!
आप लोग देर-सवेर
तय ही समझ लीजिए!
ऐसी जुर्रत के लिए
मेरा सूली चढ़ना!!
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#कविता #शायरी #राजनीति #सियासत

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