*कोरोना : चार दोहे*
कोरोना : चार दोहे
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( 1 )
सिर ढकना अब हो गई ,भूली – बिसरी बात
मास्क ढको मुख पर सदा ,दिन हो चाहे रात
( 2 )
गली – गली में मिल रहे ,रोगी दो या चार
कोरोना की बढ़ रही ,दिन – दूनी रफ्तार
( 3 )
मुख पर लटकाओ नहीं ,वरना है बेकार
मास्क बचाएगा तभी ,ढँग से पहनो यार
( 4 )
भीड़-भाड़ में मत घुसो ,यह कोरोना-खान
दो गज की दूरी रखो ,हर मुश्किल आसान
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451