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25 Jun 2022 · 1 min read

आओ नई दुनिया बसाते हैं

क्यों दुख मनाते हो बीती बातों पर
आओ मिलकर नई दुनिया बसाते हैं
जो पढ़ा है कहानियों में हमने
वो सब उस दुनिया में तुमको दिखाते हैं

लगते हैं अपने प्यारे सबको
चलो कुछ गैरों को भी अपना बनाते हैं
रहते हैं आंसू जिन आंखों में
उन आंखों में एक नई उम्मीद जगाते हैं

रहते हैं जो खुले आसमान के नीचे
उन्हें एक अदद घर दिलाते हैं
तड़प रहे भूख प्यास से जो उनके बच्चे
उन्हें दूध और भोजन दिलाते हैं

अपने लिए तो सभी करते हैं
आओ, दूसरों के लिए कुछ करते हैं
करना चाहते हैं जो बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी
उनके लिए शिक्षा का प्रबंध करते हैं

कोई भी चेहरा उदास अच्छा नहीं लगता
चलो उसको थोड़ी खुशी देने की कोशिश करते हैं
हो गया बहुत ये पतझड़ का मौसम
चलो अब बसंत को लाने की कोशिश करते हैं

छोड़ दो यूं दुखी हो जाना, बात बात पर
आओ, मिलकर खुशी मनाते हैं
क्या हुआ जो एक रास्ता बंद हो गया
मिलकर अपने लिए नई राह बनाते हैं।

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