दोहे
आया सूरज पूछने, क्या मेरा है हाल ।
हंस कर मैं कहने लगा, दिखता तुझसे लाल।।
हैरत में रवि पड़ गया, कैसे हुआ कमाल
हो बारिश या धूप जब, छाता बनता ढाल।।
सूर्यकांत
आया सूरज पूछने, क्या मेरा है हाल ।
हंस कर मैं कहने लगा, दिखता तुझसे लाल।।
हैरत में रवि पड़ गया, कैसे हुआ कमाल
हो बारिश या धूप जब, छाता बनता ढाल।।
सूर्यकांत