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23 May 2022 · 1 min read

ज़ाफ़रानी

कभी रंगीन तो कभी ज़ाफ़रानी लगती हैं!
मेरी कहानी बस मेरी कहानी लगती हैं!

कौन कहता हैं मोहब्बत चार दिन की है!
अज़ी हमसे पूछो सारी जवानी लगती हैं!

मोहब्बत का सबब कौन समझा हैं यहाँ!
लोगों को तो बस मीरा दीवानी लगती हैं!

शक्ल कैसी भी हो जब दिल आ जाये तो!
इश्क के अंधे को बस वो सुहानी लगती हैं!

जिधर देखिये बस कौवे के चोंच में मोती!
ये अज़ब खुदा की कारस्तानी लगती हैं!

✒ Anoop S.

#Theincomparable #LafzDilse #Theuniques

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