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20 May 2022 · 1 min read

'नज़रिया'

नज़रिया बदल नजारा बदल जाएगा।
सारा वक्त खुशियों में निकल जाएगा।

चिकने पत्थर पे संभल के रख कदम ,
वरना लड़खड़ा के पाँव फिसल जाएगा।

ये दुनिया तो उस खुदा की रहनुमाई है,
तेरा क्या! फ़कत मोम है पिघल जाएगा।

छोड़ देना वदी का हर इक रास्ता तू,
वक्त सय्याद बन तुझे निगल जाएगा।

हर मज़बूर को लगाले सीने से अपने,
ख़ुदा खुशी से आप ही मिल जाएगा।

स्वरचित-
गोदाम्बरी नेगी
(हरिद्वार उत्तराखंड)

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