17 लॉकडाउन दोहे
17 दोहे
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(1)
घर में बैठे जो रहे ,लेकर मधु – मुस्कान
सेनानी उनको कहो ,हो उनका सम्मान
(2)
सीधे-साधे से रहो ,मन में उच्च ख्याल
करो योग मुस्कान से ,जीओगे सौ साल
(3)
पाँच जनों में शादियाँ , सीधा- साधा काम
सदा चले यह सिलसिला ,हे ईश्वर अविराम
(4)
पत्थर में सोचो भरे , किसने अद्भुत प्राण
जिसने इसको छू लिया,हुआ आत्म कल्याण
(5)
मोबाइल के दौर में ,भूली बिसरी बात
तीन जरूरी वस्तुएँ , कागज कलम दवात
(6)
पुरुष कहाँ पीछे रहे ,मैचिंग मास्क कमीज
फैशन भी तो देखिए ,होती है कुछ चीज
(7)
लंबा कोरोना खिंचा , आ जाएगा दौर
होगा मैचिंग मास्क भी ,कुर्ते के संग और
(8)
तुलसी पत्ती डालकर , उबले पानी चाय
प्रतिरोधक क्षमता बढ़े , उत्तम सरल उपाय
(9)
उनकी आँखें हो गईं ,जैसे पतझड़ मास
मोबाइल पर कर रहे ,जन जो टाइमपास
(10)
पहले मोदी जी दिया ,करते थे संदेश
अब दो हफ्ते बढ़ गए ,ऐसे जैसे केश
(11)
बच्चे तो पढ़- लिख गए ,मिली नौकरी दूर
घर में दो बूढ़े बचे , किस्मत से मजबूर
(12)
सभी जिलों की चाहतें ,सब में भरी उमंग
हे प्रभु अब कर दीजिए ,हरा हमारा रंग
(13)
सबसे बढ़िया आजकल ,हुआ किराना काम
भले लॉकडाउन चले ,चलता यह अविराम
(14)
झाड़ू पोछा बन गई ,जिनकी अब तकदीर
उन पतियों को भी कहो ,कोरोना के वीर
(15)
भेष बदलकर जोड़िए ,व्हाट्सएप श्रीमान
जनता क्या- क्या सोचती ,जाएँगे पहचान
(16)
बंद घरों में है पड़ा ,पूरा मनुज समाज
खबरें मुश्किल हो गईं , अखबारों में आज
(17)
मास्क दिखावे के लिए ,जिनका लटका रोज
डर है कोरोना करे , उनका कहीं न भोज
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451