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23 Apr 2022 · 1 min read

परवाह को, मिले परवाह l

परवाह को, मिले परवाह l
तब निगाह से, मिले निगाह ll

अब प्रीत का, प्रवाह प्रवाह l
रति-पति कहे है, वाह वाह ll

जीवन परम सुख, यही रहे l
पर अति प्यास करती तबाह ll

अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न

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