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23 Apr 2022 · 1 min read

पिता जी

कुंडलियां

1
पिता आप भगवान हैं, दिया जन्म उपकार
बनकर सुत हम श्रवण सा, करें सदा व्यवहार
करें सदा व्यवहार, आप की सेवा लायक
बनकर कर दे सिद्ध, जगत जाने ज्यों नायक
कह पाठक कविराय,आप ही हैं अस्मिता
हम सेवक ज्यों राम, हमारे दशरथ पिता

2
मत बूढ़े मां बाप को, ब्रद्ध आश्रम भेज
सब सुख देते है चरण , रखियो ह्रदय सहेज
रखियो ह्रदय सहेज, प्रभू का अंश है जानो
राम गए वनवास, पिता की आज्ञा मानो
कह पाठक कविराय , पिता नभ जैसा है सत
सच्चा हितैसी मान, भूलना जीवन भर मत

8 Likes · 10 Comments · 507 Views

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