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23 Apr 2022 · 1 min read

जो चाहे कर सकता है

जो स्वयं से आलस निकालकर,
संघर्ष स्फूर्ति से भरता है।
वो जो चाहे सब मिलता है।
वह जो चाहे कर सकता है।

जो पाने का मोह छोड़कर,
कर्तव्य प्रेम राह पकड़ता है।
वो जो चाहे सब मिलता है।
वो जो चाहे कर सकता है।

जो बनने का स्वप्न विदा कर,
करने के स्वागत में जगता है।
वो जो चाहे सब मिलता है।
वो जो चाहे कर सकता है।

जो मेहनत का लेप लगाकर,
निज जीवन मे निखरता है।
वो जो चाहे सब मिलता है।
वो जो चाहे कर सकता है।

जो चिंता को शत्रु बनाकर,
चिंतन को मित्र समझता है।
वो जो चाहे सब मिलता है।
वो जो चाहे कर सकता है।

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