शब्द- पूर्ति
🕉️सजल नागरी मंच🕉️
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🕉️सजल नागरी मंच🕉️
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गुरुवार-शुक्रवार(१८/१९/अगस्त२०२२ तक)
(द्वय-दिवसीय)
🔶आयोजन-दोहा सृजन कार्यशाला🔶
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प्रयोगपूर्ति शब्द :- १-क्रांति २-कर्मवीर ३-शरणागत
मंचासीन अतिथिगण
अध्यक्ष-आद.यशपाल शर्मा जी
अतिथि-आद.यशपाल सिंह ‘यश’ जी
संचालन-आद.डॉ.जितेंद्र कुमार जी
समीक्षा-आद.कविता काव्या “सखी” व परम आदरणीय चित्रांश रजनीश राज बृजवासी जी।
सभी भारतीयों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई व अनंत शुभकामनाएं।
सादर निवेदित दोहे
🙏🌺🙏
#क्रांति #
हरित क्रांति से ही रुका,अन्नों का आयात।
बढे सभी उत्पाद अब ,हम करते निर्यात। ।
#कर्मवीर #
कर्मवीर पथ देखकर, विचलित कभी न होय।
लक्ष्य साध बढता सदा,बीज सुफलता बोय। ।
#शरणागत #
शरणागत हो कृष्ण की, करें नित्य ही कर्म।
फल की इच्छा मत करो, यही हमारा धर्म। ।
अटल मुरादाबादी
* सजल नागरी मंच *
गुरुवार रात्रि से-शनिवार रात्रि(२५/२६/२७/अगस्त२०२२ तक)
* आयोजन-दोहा सृजन कार्यशाला *
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प्रयोगपूर्ति-१-राष्ट्र, २-विजय,३-पराक्रम
अध्यक्ष-आद.यशपाल शर्मा जी ।
अतिथि-आद.यशपाल सिंह ‘यश’ जी ।
संचालन-आद.डॉ.जितेंद्र कुमार जी ।
समीक्षा-आद.कविता काव्या “सखी” ।
प्रदत्त विषय पर आधारित प्रयोगपूर्ति दोहे :-
#राष्ट्र –
तन- मन-धन अर्पित किया, सभी राष्ट्र के नाम।
राष्ट्र- प्रेम में तज दिये,निजता के सब काम।।
#विजय –
बिना कर्म पाता नहीं, विजय कभी इंंसान।
कर्मो से बनता मनुज, खुद ही श्रेष्ठ महान। ।
#पराक्रम –
शौर्य-पराक्रम से सदा, जीती जाती जंग ।
हो जाता पल में स्वत:, अरि का साहस भंग। ।
अटल मुरादाबादी
* सजल नागरी मंच *
गुरुवार रात्रि से-शनिवार रात्रि(२५/२६/२७/अगस्त२०२२ तक)
* आयोजन-दोहा सृजन कार्यशाला *
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प्रयोगपूर्ति-१-राष्ट्र, २-विजय,३-पराक्रम
अध्यक्ष-आद.यशपाल शर्मा जी ।
अतिथि-आद.यशपाल सिंह ‘यश’ जी ।
संचालन-आद.डॉ.जितेंद्र कुमार जी ।
समीक्षा-आद.कविता काव्या “सखी” ।
प्रदत्त विषय पर आधारित प्रयोगपूर्ति दोहे :-
#राष्ट्र –
तन- मन-धन अर्पित किया, सभी राष्ट्र के नाम।
राष्ट्र- प्रेम में तज दिये,निजता के सब काम।।
#विजय –
बिना कर्म पाता नहीं, विजय कभी इंंसान।
कर्मो से बनता मनुज, खुद ही श्रेष्ठ महान। ।
#पराक्रम –
शौर्य-पराक्रम से सदा, जीती जाती जंग ।
हो जाता पल में स्वत:, अरि का साहस भंग। ।
अटल मुरादाबादी
बुधवार-गुरुवार(१५जून से१६ जून २०२२ तक)
🔶आयोजन-दोहा सृजन कार्यशाला🔶
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प्रयोगपूर्ति-
गंध,मकरंद,रंक
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प्रत्येक शब्द को प्रयोग करते हुए कुल तीन दोहे लिखना है।
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शब्द प्रयोग-मकरंद
सजल नागरी मंच पर ,बहे काव्य मकरंद।
ज्योति जलेगी अनवरत,नहीं पड़ेगी मंद।।(१)
शब्द प्रयोग-गंध
गंध-सुगंध बहाइए,काव्य – सुमन के साथ।
रचिए कुछ नव छंद अब,मां का सिर पर हाथ।।(२)
शब्द प्रयोग-रंक
सब जन एक समान हैं,सबको राखे अंक।
सब पर मां किरपा करे,राजा हो या रंक।।(३)
बुधवार-गुरुवार(८जून से ९ जून २०२२ तक)
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प्रयोगपूर्ति-
ग्रीष्म,वर्षा, मेघ,सावन(प्रत्येक पर एक दोहा कुल-चार)
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शब्द प्रयोग: ग्रीष्म
ग्रीष्म काल के ताप से, पीड़ित मनुज,विहंग।
चौपाये बेहाल हैं,बिगड़े उनके ढंग।।(४)
शब्द प्रयोग:वर्षा
वर्षा बरसो अब तुरत,निकल रही है जान।
तरुवर,नभचर सब दुखी,तरस रहे इंसान।।(५)
शब्द प्रयोग:मेघ
अंबर में छायी घटा,करते मेघ विहार।
बरसेगी अब व्योम से,वर्षा दिव्यअपार।।(६)
शब्द प्रयोग:सावन, ग्रीष्म,वर्षा व मेघ
ग्रीष्म गई वर्षा भई, मन का नाचा मोर।
सावन मनभावन हुआ,मेघ मचाए शोर।।(७)
गुरुवार /शुक्रवारदि०-२१-२२अप्रैल२०२२
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प्रयोगपूर्ति- प्रार्थना,साधना
एक दोहा “प्रार्थना” शब्द पर ,एक दोहा “साधना” शब्द पर,कुल दो दोहे लिखना हैं। ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
सादर संप्रेषित हैं दो दोहे
🙏💐🙏
शब्द-साधना
सतत साधना से सधें, कठिन-जटिल सब काज।
संत समागम से बने, सुंदर सभ्य समाज।।(८)
शब्द-प्रार्थना
सुबह -शाम कर प्रार्थना,मन में प्रभु को धार।
सच्चे मन से जो भजे, हो भव-सागर पार।।(९)
बुधवार-गुरुवार(०१ जून से ०२ जून २०२२ तक)
शब्द पूर्ति-कूप-मंडूक
पढे लिखे भी जन यहां,करते प्रतिदिन चूक।
रूढ़ी- वादी कृत्य कर , बने कूप- मंडूक।।(१०)
“क्रांति”
क्रांति कलम लाती सदा, शब्दों के ले बाण।
अन्त: तक भेदन करे, छलनी कर दे प्राण।।(११)
कलम
खंजर से भी है अधिक,तीव्र कलम की धार।
जो कर देती है कलम, नहीं करे तलवार।।(१२)
मंच को नमन!
मनभावन यह मंच है, सुंदर-सुंदर छंद ।
काव्य सृजक बरसा रहे,कविता का मकरंद ।।(१३)
🙏अटल मुरादाबादी 🙏
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