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19 Apr 2022 · 1 min read

मन कहता है

मन कहता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
उड़ जाऊं सारी दुनिया में, प्रेम प्रीत फैला आऊं
तोड़ दूं नफरत की दीवारें, हिंसा द्वेष मिटाऊं
धर्म नस्ल और जात पात के,सारे भेद हटाऊं
मन कहता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

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