Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2022 · 1 min read

जब सभी लपेटे जा रहे हैं तो नंबर तुम्हारा भी आणा था। by Aamir Singarya मेवाती दोहे

कुछ तो इनकी गलती है , कुछ माँ बापन की ढील ।
उमर अभी पढ़ना की है , और इनकी बनरी रील ।
जैसे तैसे बाप कमा के , पटक रहो है पार ।
खर्चो इनलू भियज रहो , रूखी सूखी खार ।
कुछ ना तंत शरीर में , और सिगरट जैसी टांग ।
अध परे सू मॉडल बणगा , खींच बीच की मांग ।
फटफट लियके दिनभर डुवलें , पहर के ऊंची पेंट ।
दियखा दियखी बढ़ती जारी है इनकी परसेंट ।
● ” के नू कहरी ” के और अलावा कुछ भी सौदा नाएं ।
मां – बापन को ख्याल नहीं , ना घर के महीं लखाएं ।
By Zubair Hanif ✍️✍️
Aamir Singarya

Language: Hindi
190 Views

You may also like these posts

16---🌸हताशा 🌸
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
बेशर्मी से रात भर,
बेशर्मी से रात भर,
sushil sarna
धुप साया बन चुकी है...
धुप साया बन चुकी है...
Manisha Wandhare
वो जो कहें
वो जो कहें
shabina. Naaz
मुझको ज्ञान नहीं कविता का
मुझको ज्ञान नहीं कविता का
Manoj Shrivastava
कविता की मुस्कान
कविता की मुस्कान
Rambali Mishra
।।
।।
*प्रणय*
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
जो बिछड़ गए हैं,
जो बिछड़ गए हैं,
Meera Thakur
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
शिव प्रताप लोधी
बदनाम
बदनाम
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
लगाव का चिराग बुझता नहीं
लगाव का चिराग बुझता नहीं
Seema gupta,Alwar
जिंदगी भी आजकल
जिंदगी भी आजकल
हिमांशु Kulshrestha
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
* एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता *
* एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता *
भूरचन्द जयपाल
आजकल
आजकल
sheema anmol
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
लियोनार्दो दा विंची
लियोनार्दो दा विंची
Dr. Kishan tandon kranti
कही हॉस्पिटलों में जीवन और मौत की जंग लड़ रहे है लोग।
कही हॉस्पिटलों में जीवन और मौत की जंग लड़ रहे है लोग।
Rj Anand Prajapati
रातों में नींद तो दिन में सपने देखे,
रातों में नींद तो दिन में सपने देखे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
gurudeenverma198
*ये दिन भी गुजर जाएंगे*
*ये दिन भी गुजर जाएंगे*
Shashank Mishra
अंजुरी भर धूप
अंजुरी भर धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
अलविदा
अलविदा
ruby kumari
ठहरे नहीं हैं, हयात-ए-सफ़र में ।
ठहरे नहीं हैं, हयात-ए-सफ़र में ।
Dr fauzia Naseem shad
धनतेरस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
धनतेरस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Sonam Puneet Dubey
गीत- कोई एहसास दिल भरदे...
गीत- कोई एहसास दिल भरदे...
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...