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16 Mar 2022 · 1 min read

संदेश सबको

मैं झुका हुआ हूं
तुम भी झुक जाओ
प्रेम मे प्रतिष्ठा का
प्रश्न मत उठाओ

चूक दोनो ने की
दोनो हकदार हैं
दोषी दोनो बने
दोनो तलबगार हैं

गलत है तो है
चाहे सब करें
सही है तो है
चाहे न कोई करे

मान रक्खो मेरा
रक्खूंगा तुम्हारा भी
मधुरता बनी रहे
महके मन हमारा भी

आज नही आगे की
योजना बना कर
भविष्य सुखमय हो
मैत्रीपथ चल कर

जो हुआ सो हुआ
आगे न होने पाये
प्रेरणा एक दूजे की
संदेश सबको जाए

स्वरचित
मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर

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