Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2021 · 1 min read

تخلیق کی نکھار بھی تنقید ہی سے ہے۔

تخلیق کی نکھار بھی تنقید ہی سے ہے۔
کانٹوں میں رہنا ہوگا اگر پُھول بنو گے۔

نہ ممکن مراحل پہ فتح ہوگی تمہاری۔
یہ شرط ہے گھر راہ میں تم چلتے رہو گے۔

ڈاکٹر صغیر احمد صدیقی خیرا بازار بہرائچ یو پی

Language: Urdu
Tag: غزل
1 Like · 1 Comment · 235 Views

You may also like these posts

यू-टर्न
यू-टर्न
Shreedhar
खुद पर भरोसा ..
खुद पर भरोसा ..
Rati Raj
प्रेम..
प्रेम..
हिमांशु Kulshrestha
*** आप भी मुस्कुराइए ***
*** आप भी मुस्कुराइए ***
Chunnu Lal Gupta
कैसै कह दूं
कैसै कह दूं
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"जियो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
आपके दिमाग में जो लक्ष्य केंद्रित होता है।
आपके दिमाग में जो लक्ष्य केंद्रित होता है।
Rj Anand Prajapati
कुछ खोये बिना हमने पाया है, कुछ मांगे बिना हमें मिला है, नाज
कुछ खोये बिना हमने पाया है, कुछ मांगे बिना हमें मिला है, नाज
Vishal Prajapati
हां वो तुम हो...
हां वो तुम हो...
Anand Kumar
दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठ
दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठ
sushil sarna
दुःख
दुःख
Ruchi Sharma
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पावस
पावस
लक्ष्मी सिंह
■ कोई तो बताओ यार...?
■ कोई तो बताओ यार...?
*प्रणय*
ये दाग क्यों  जाते  नहीं,
ये दाग क्यों जाते नहीं,
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
* वक्त  ही वक्त  तन में रक्त था *
* वक्त ही वक्त तन में रक्त था *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक उम्र गंवाई है हमने भी मनमानी के लिए
एक उम्र गंवाई है हमने भी मनमानी के लिए
Ritesh Deo
डर डर जीना बंद परिंदे..!
डर डर जीना बंद परिंदे..!
पंकज परिंदा
" बीकानेरी रसगुल्ला "
Dr Meenu Poonia
तुम क्या आए
तुम क्या आए
Jyoti Roshni
सूनापन
सूनापन
प्रदीप कुमार गुप्ता
अब नहीं हम आयेंगे
अब नहीं हम आयेंगे
gurudeenverma198
अपने दिमाग से वह सब कुछ मिटा
अपने दिमाग से वह सब कुछ मिटा
Ranjeet kumar patre
*नसीहत*
*नसीहत*
Shashank Mishra
कविता हंसना
कविता हंसना
Akib Javed
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
Neelofar Khan
देखिए बिना करवाचौथ के
देखिए बिना करवाचौथ के
शेखर सिंह
हँसना चाहता हूँ हँसाना चाहता हूँ  ,कुछ हास्य कविता गढ़ना चाहत
हँसना चाहता हूँ हँसाना चाहता हूँ ,कुछ हास्य कविता गढ़ना चाहत
DrLakshman Jha Parimal
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
Pramila sultan
Loading...