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22 Jul 2021 · 1 min read

का फरक पड़ी ये दुनिया के?

हमरा जियला
या मुअला से
का फरक पड़ी
ये दुनिया के!
हमरा गीत
औरी कविता से
का गरज पड़ी
ये दुनिया के!!
सच्चाई औरी
इंसाफ़ के
कवनो जलत
सवाल पर!
हमरा चुप्पी
या बोलला से
का हरज होई
ये दुनिया के!!
Shekhar Chandra Mitra
#selfcritism

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