■ ये डाल-डाल, वो पात-पात। सब पंछी इक डाल के।।
बुंदेली चौकड़िया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वंचित कंधा वर्चस्वित कंधा / मुसाफिर बैठा
कहाँ गइलू पँखिया पसार ये चिरई
आशा का दीप
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Nowadays doing nothing is doing everything.
खालीपन क्या होता है?कोई मां से पूछे
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
कुछ तो उन्होंने भी कहा होगा
खुदगर्जो का नब्ज, टटोलना है बाकी ..