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18 Feb 2022 · 1 min read

मत-दान!

जब आप कर देते हो मत-दान।————फिर वह बन जाते हैं, श्रीमान।————–उनको हो जाता है, बहुत अभिमान।——-भूल जातें हैं,वो और खो जाते हैं पहचान।-बहुत गजब का खेल है ,यह मत-दान।—–राजा बना कर खुद बन जाता है मेहमान।-कब जागेंगी ये भोली भाली जनता।——–बस्ती में आग लगे ,बस!अपना काम बनता।

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