Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Feb 2022 · 1 min read

रह रह कर लिपटत सजन..श्वान व विडाल दोहा

– श्वान दोहा -2 गुरु 44 लघु
———————————————————
उमड़ घुमड़ गरजत जलद,….घनन घनन घनघोर ।
रह-रहकर लिपटत सजन, धड़कत हिय बहु जोर ।।
रमेश शर्मा.

विडाल दोहा -३ गुरु ४२ लघु
————————————
मटक-मटक कर जब चलत , …पनघट पर हर नार ।
पुलकित तन-मन खुद त्वरित, थिरकत जिय के तार ।।
रमेश शर्मा.

Loading...