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22 Jan 2022 · 1 min read

कभी वो करती है तकरार

कभी वो करती है तकरार
कभी प्यार बेशुमार |

कभी वो पायल की झंकार
कभी वो चंडी का अवतार |

कभी श्रृंगार बेशुमार
उसके नखरे हैं हज़ार |

कभी चढ़ जाता उसे बुखार
कभी वो खुशियों का संसार |

कभी वो ग़मों का विस्तार
कभी हो जाती पवन बयार |

कभी वो पतझड़ सी बेजार
कभी वो लगती सुन्दर नार |

उसकी हंसी लाजवाब
उसकी मुस्कराहट पर हम निसार |

कभी चूड़ियों की झंकार
करती कभी गृहमंत्री सा व्यवहार |

उसका मुझ पर एतबार
उसकी चाहत हो जाती त्यौहार |

उसकी मतवाली चाल
कर देती मुझको बेहाल |

घर को वो कर देती जन्नत
मैं भी करता उसके लिए मन्नत |

उसे मुझसे मुहब्बत बेशुमार
मैं भी करता प्यार बेशुमार |

उसका घर उसका संसार
यही है स्वर्ग का द्वार |

कभी वो करती है तकरार
कभी प्यार बेशुमार |

कभी वो पायल की झंकार
कभी वो चंडी का अवतार |

कभी श्रृंगार बेशुमार
उसके नखरे हैं हज़ार |

कभी चढ़ जाता उसे बुखार
कभी वो खुशियों का संसार |

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