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10 Jan 2022 · 1 min read

विश्वास

विश्वास पर टिकी दुनियां
कई पहले काम फिर पैसे
कर्मी को रहता भरोसा
पूरा करेगें काम मिलेगें पैसे

संशयी व्यक्ति सोंच कुंठित
संकुचित दायरे मे रह जाता
विश्वास जरूरी मधुरता को
बिन इसके नीरस हो जाता

हुए न पराये जश्न मे शामिल
रह जायेंगी खुशियां सीमित
खामख्याली, निकलो बाहर
सहजसरल आनंद असीमित

नारी से नर ज्यादा शक्की
बेवजह शक जीना मुश्किल
सहनशील चुप हो सहती
आधुनिकाएं तलाक मुवक्किल

शक मानसिक अंकुश विवेक
चौकसी हेतु करना भी ठीक
बेबुनियादी बेहद शर्मिंदगी
सोंच समझ फैसला सटीक

स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर

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